Akassh_ydv

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हम मिलेंगे जरूर

क्षितिज के उस पार मिलेंगे एक दिन
जब वक़्त की परतों में दब कर
यादें...बिसर जाएंगी लोगों के जेहन से

....जब जिस्म की झुर्रियां बचाएंगी हमें
बदनाम होने से

....जब आंखों के ऐनक में जमी धूल में 
सारे शिकवे धुंधले नज़र आएंगे

...जब अधरों में प्यास होगी नयनों के खारे जल की 

...जब झुके कंधे में सिर रख कर तुम कहोगी- "बाबू  मैं ठीक हूँ बिल्कुल, तुम बताओ कैसे हो?"

मेरी आंखे बहेंगी ,होंठ थरथरायेंगे तुम चेहरे को मेरे हाथों में भर कर  प्यार से पुचकारोगी,दुलारोगी और फिर गले से लग कर उम्र भर की हर कसक को के पल में दूर कर जाओगी

Dev....

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